मौत, फांसी, और कत्लों का गवाह एक घर, जहां रूहें करती है बसेरा
मौत, फांसी, कत्ल, हादसे किसी भी शानदार से शानदार जगह को विरान बना देते हैं। जैसा कि आपको पूर्व के लेख में बता दिया गया था, कि हम रूहों और आत्माओं के लिए कोई एक जगह निश्चीत नहीं कर सकते। लेकिन वो अदृश्य और स्वतंत्र हैं वो चाहे जहां भी अपना बसेरा कर सकती हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में रूहें और आत्माएं हादसों की जगहों या अपनी मौत के कारणों के स्थान पर ही भटकती रहती हैं। क्या होती हैं रूहें और उनकी प्रवृति ऐसी जगहों पर इन्हे महसूस किया जा सकता है। यह रूहें हमेशा अपने आप को आम दुनिया से अलग रखना चाहती है। जब हम कभी किसी ऐसी जगह पर एकांत में होते हैं तो इन रूहों का आभास हमें होता है। इनकी भी प्रकृति बिलकुल सांपों से मिलती जुलती है, जब इंसान के सामने कोई सांप अचानक आ जाता है तो वो इंसानों के पैरों के कदमों के आहट के अनुसार चल कर उस जगह से भागना चाहता है, लेकिन एक शब्द जिसे डर कहते हैं उसे इंसानी स्वाभाव नहीं छोड़ पाता है और उसके फलस्वरूप वो सांप को दुश्मन मान कर उन्हे छेड़ता है या मार देता है। यही वो समय होता है जब सांप भी "डर" के वशीभूत इंसान पर हमला करता है फुफकारता और इंसान को दूर करने का प्रयास करता है। ठिक वैसे ही रूहें भी एकेले इंसान या शांत जगहों पर जहां उनका बसेरा होता है वहां से इंसान को हटाने के लिए अपने होने का आभास कराती हैं। ये रूहें शरीर विहीन होती हैं इसलिए प्रत्यक्ष रूप से आपके समाने नहीं आ सकती, लेकिन आस पास के वातावरण में बदलाव करके, अजीब सी खुश्बु पैदा कर, हवा का सहारा लेकर वो इंसानों को डराने का प्रयास करती हैं। आज हम आपको अपने इस सीरीज के पांचवें लेख में अमेरिका के ऐसे घर के बारे में बताएंगे जो अपने ही लोगों की मौत, हत्या और उनकी आत्महत्याओं की कहानी बयां करती है। इस घर के लोग तो आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी रूहें आज भी इन घरों में मौजूद हैं। अमेरिका के लुसियाना प्रांत के सेंट फ्रेसिसविले में मौजूद इस घर को आज मिर्लेस प्लांटेशन के नाम से जाना जाता है। तो आइऐ चलते हैं एक खौफनाक और रोमांचकारी सफर पर। मिर्लेस प्लांटेशन का इतिहास मिर्लेस प्लांटेशन का निर्माण सन 1794 में ब नाम के एक अमेरिकी नागरिक डेविड ब्रैडफोर्ड ने कराया था। डेविड ब्रैडफोर्ड का जन्म अमेरिका में ही हुआ था और वो वहीं पर रहकर व्यापार करते थे। उस समय उन्होंने एलिजाबेथ नामक महिला से विवाह किया और कुछ समय बाद उनके पांच बच्चे भी हुए। पांच बच्चों के बाद डेविड को एक बड़े मकान की जरूरत पड़ी और उन्होंने इस मकान का निर्माण कराया। मिर्लेस प्लांटेशन में रहने वाले लोगों की एक के बाद एक करके दस लोगों की मौत हुई। इस मकान को बनवाकर डेविड भी इस मकान में ज्यादा दिन नहीं रह पाये। कुछ सालों बाद ही उनकी भी मौत हो गयी थी। डेविड अपने इस मकान का पूरा आनंद नहीं उठा पाये थे, क्योकि मौत से पहले उन्होंने आर्थिक तंगी के चलते अपना यह मकान एक शिक्षक बायु सारा को बेच दिया था। सारा डेविड के एक बच्चे क्लार्क वुडरूफ को अपने साथ रखकर कानून की पढ़ाई करती थी, जिसने कुछ दिनों बाद अपने शिक्षक की ही बेटी सारा मथिल्डा से शादी कर ली। डेविड ब्रैडफोर्ड की मौत के बाद उनकी पत्नी अकेले थी, तो उन्होंने घर में ही बागवानी शुरू कर दी और पौधारोपड़ का काम करने लगी। मिर्लेस प्लांटेशन में मौतों का सिलसिला मिर्लेस प्लांटेशन में मौतों का सिलसिला सारा मथिल्डा के मौत से शुरू हुआ। सारा की मौत 21 जुलाई 1823 में पिलीया बिमारी से हुयी, उस समय लुसियाना में यह बिमारी अपने चरम पर थी। अभी मिर्लेस प्लांटेशन में एक मौत हुयी ही थी कि तभी 1824 में सितम्बर माह में सारा के तीन माह के बेटे जेम्स की मौत भी पिलीया से हो गयी। उसके बाद वुडरूफ उस घर में और नही रहना चाहता था और वो अपनी मां के साथ कहीं चला गया जहां उसकी मां की भी कुछ दिनों के बाद मौत हो गयी। उसके बाद वुडरूफ ने इस मकान को स्टर्लिंग नामक परिवार के हाथों बेच दिया। स्टर्लिंग बहुत अच्छा परिवार था, स्टर्लिंग अपने परिवार के साथ इस मकान में आयें और इस मकान में उन्होने कई फेरबदल किया। स्टर्लिंग ने डेविड के इस मकान को और बड़ा और दुगाना कर दिया। अपने शौक को पुरा करते करते 17 जुलाई 1854 को स्टर्लिंग की भी मौत हो गयी। स्टर्लिंग की पत्नी मरियम इस मकान में रहने लगी थी। इसके अलांवा मिर्लेस प्लांटेशन में और भी ऐसी मौतें हयी जिसे जानकर आपकी रूह तक कांप उठेगी। मिर्लेस प्लांटेशन में हत्या और आत्महत्या मिर्लेस प्लांटेशन में जब वुडरूफ अपने पत्नी के साथ तो उसी पत्नी ने दो बेटियों को जन्म दिया था और वो गर्भवती थी, इसी दौरान वुडरूफ का संबंध अपने एक दासी चेलोय से हो गया था। चेलोय को जबरदस्ती वुडरूफ की मांगों को पुरा करना पड़ता था। एक दिन चेलोय ने इसका विरोध किया तो उसका कान काट दिया गया। अपने इसी अपमान के बदला लेने के लिए चेलोय ने एक दिन वुडरूफ के बड़ी बेटी के जन्मदिन के केक में जहर मिला दिया। लेकिन इस केक को वुडरूफ के अलावा उसकी पत्नी व दोनों बेटियों ने ही खाया था, जिससे उनकी तो मौत हो गयी लेकिन, वुडरूफ बच गया। अपने इस कृत्य पर चेलोय को बहुत शर्मिदगी महसूस हुयी और उसने सजा पाने के डर से खुद को अपने कमरे में फांसी से लटका दिया। उसके बाद वुडरूफ ने उसके शव को काट कर नीचे उतार और उसे पानी में पत्थरों के सहारे बांधकर फेंक दिया। उसके बाद वो पार्टी वाले कमरे में गया और उसे हमेशा के लिए बंद कर दिया। कुछ दिनो बाद वुडरूफ अपने घर के पोर्च पर खडा था उसी समय किसी ने उसे गोली मार दी और मौके पर ही उसकी भी मौत हो गयी। मिर्लेस प्लांटेशन में रूहों का कब्जा आज भी मिर्लेस प्लांटेशन में रूहों का पुरी तरह से कब्जा है। यह मकान कई हत्याओं और आत्महत्याओं का गवाह है। मकान के सिड़ीयों के पास जाते समय जब आप अकेले जाएंगे तो ऐसा महसूस होगा कि सारा सीढि़यों से उतर रही है। कई लोगों ने सारा को और उसके बच्चों को कमरों में दौड़ते हुए देखने का दावा किया है। वही मिर्लेस प्लांटेशन के बाहर चेलोय के कमरे में आज भी किसी लड़की के सीसकने की आवाजें साफ सुनई देती हैं। मकान के पिछे वाले हिस्से में एक पुराना पेड़ है, जहां एक महिला का शव पेड़ से लटका हुआ दिखायी देता है। इसके अलांवा मिर्लेस प्लांटेशन का वो कमरा जहां आखिरी बार पार्टी की गयी थी उस कमरे में आज भी उस केक की महक को महसुस किया जाता है, साथ ही साथ बच्चों की रोने की आवाजें भी कई लोगों को डरा चुकी है। आज भी इस मकान की विरानी में लोग रूहों के इधर उधर दौड़ने और पेड़ों पर हवा के साथ झुलने को महसूस करते है। मिर्लेस प्लांटेशन के अन्दर सारा के कमरे के ठिक बगल में एक हाल है जहां एक पुराना सीसा लगा हुआ, कइ लोगों ने इस बात का दावा किया है कि इस सीसे में कभी कभी एक महिला जो कि सफेद लिवास में है और गर्दन झुकी हुयी, आंखों पर काले घेरे और उसका एक हाथ आपकी तरफ इशारा करता है। जैसे कि वो आपकों बुला रही है, इस रूप में देखा गया है। वहीं सारा के कमरे में एक पुराना प्यानों रखा हुआ है जो कि दिन भर में कई बार अपने आप बज उठता है।
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